पाकिस्तान के हवाले से मीडिया का एक सच
सामने आया। जिस पर सियासी महकमों और मीडिया पर भरपूर
बात और जम के छीछालेदर की गयी। बात कोर्ट तक भी गयी और जज
ने प्रोग्राम के फुटेज भी मंगा के देखे। हुआ कुछ यूँ की पाकिस्तान के
एक टीवी चैनल में प्रतिष्ठित पत्रकार मेहर बुखारी और मुबाशिर लुकमान एक सियासी
पार्टी के नुमाईंदे मालिक रियाज़ को इंटरव्यू कर रहे थे और प्रोग्राम में लिए जाने
वाले ब्रेक के दौरान होस्ट और गेस्ट के बीच होने वाली बातों का फुटेज लीक हो गया। इस फुटेज में काबिल-ए-गौर बात
ये है कि नेता किस तरह मीडिया का जम के दुरपयोग कर रहे हैं और टीआरपी की दौड में
बने रहने के लिए कुछ चैनल किस तरह अपना दुरपयोग करा रहे हैं।
पिछले दिनों अर्नब गोस्वामी ने राज ठाकरे
का इंटरव्यू लिया जो इस मायने में काफी महत्व रखता है कि राज ने अपनी पार्टी बनाने
के बाद पहली बार कोई इंटरव्यू हिंदी में दिया। राज ठाकरे हिंदी न्यूज़
चैनल्स का अपने खिलाफ चलाये जा रहे दुष्प्रचार के खिलाफ बोलना चाहते थे, जो एक हद तक
सही भी है। राज ठाकरे, जैसा कि उन्होंने दावा किया, महाराष्ट्र के बाहर
की राजनीति नहीं करना चाहते तो फिर ये सफायी आखिरकार थी किस जनता के लिए?
राज को अपने चाचा से विरासत में ना सिर्फ सोचने
का तरीका मिला है बल्कि बोलने का भी। दूसरी तरफ अर्नब गोस्वामी की बात की जाए तो राज के इंटरव्यू
से पहले उन्हें देखने पर यही लगता था की उन्हें दूसरों का बोलना पसंद नहीं इसीलिए वो
अपने चैनल में आये मेहमानों के स्वागत में उन्हें सिर्फ सवाल सुनने की ही जहमत उठाने
देते थे.. जवाब वो खुद ही देते हैं। लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ अर्नब कि, जवाब तो दूर आप सवाल भी
नहीं पूछ पाए?
जनता कि तरफ से सवाल पूछने का बीड़ा उठाने वाले
अर्नब गोस्वामी ने तर्क वितर्क का अभिनय तो ठीक किया लेकिन संविधान और क़ानून व्यवस्था
के पक्ष में बोलने के लिए भी उनके के पास तर्क नहीं थे? लेकिन अर्नब के सवाल जवाब के
इतिहास को देखा जाए तो शायद ही कोई अर्नब के सामने बैठ कर २० सेकंड से ज्यादा एक बार
में बोल पाया हो। फिर अचानक ये ब्लडप्रेशर डाउन क्यों? (राज के सामने अर्नब काफी थके नज़र आ रहे थे)
तो क्यों ना माना जाए की ये वही तिकडम थी जो
हमने पाकिस्तानी चैनल में होती देखी। क्युकी ये पहला मौक़ा नहीं जब टीआरपी के लिए अर्नब ने ऐसी चाल
चली हो.. यही खूबसूरत अभिनय वो नरेन्द्र मोदी के साथ भी कर चुके हैं। मज़े की बात है कि अर्नब सफल हुए
और राज के इंटरव्यू को काफी टीआरपी मिली।
अर्नब की सफलता ने एक पीड़ित व्यक्ति को ये
बताया कि उस पर हो रहा अत्याचार क्यों सही है।
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