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Saturday, September 15, 2012

KBC : बनता बिगड़ता स्वरुप




सन 2000 से शुरू होकर के.बी.सी. ने हर बार टीआरपी के अपने ही रेकोर्डस तोड़े हैं दूसरे देशो में इस शो को मिली सफलता से मैं उतना अवगत नहीं हूँ फिर भी ये अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत में इस शो को मिली सफलता अभूतपूर्व है जिसकी सबसे बड़ी वजह अमिताभ बच्चन ही हैं और शायद ही किसी भी देश में इसको होस्ट करने वाला शख्स अमिताभ बच्चन की ऊंचाईयों का रहा हो
अमिताभ बच्चन का केबीसी को करना एक संयोग ही था, क्यूँकी उस वक्त फ़िल्मी सितारों के लिए टीवी में काम करना उनको फिल्मों में काम ना मिलने का संकेत होता था लेकिन अमिताभ की मजबूरी और हमेशा नए प्रयोग करने कि उनकी सोच ने भारतीय दर्शकों को एक गजब का शो दे दिया
अमिताभ बच्चन कि भाषा शैली और उनका व्यक्तित्व पूरी तरह से इस शो की आत्मा के साथ है और फिर खुद ... अमिताभ बच्चन हालांकि शाहरुख ने भी शो को होस्ट किया लेकिन वो बात नहीं आ पायी क्योंकी अमिताभ पहले ही इस शो मापदंड तय कर चुके था हालाँकि शाहरुख ने भी शो में कुछ नया जोड़ने की कोशिश जरूर की, लेकिन शायद वो इस शो के लिए बेहतर पसंद थे ही नहीं, ठीक वैसे ही जैसे अमिताभ बिग-बॉस के लिए नहीं थे


पिछले दो सीजन में केबीसी की टीआरपी जरूर बढ़ी है लेकिन शायद शो को सर्वाधिक पसंद करने वालों के वर्ग में बदलाव जरूर आया है जो लोग सिर्फ सवाल जवाब मे रूचि रखते हैं उनके लिए शो का नया फार्मेट थोड़ा खिजाने वाला है आप जो देखना चाहते हैं उसके लिए आपको नाहक ही इन्तज़ार करना पड़ता है, अमिताभ को पूछे जाने वाले सवाल अमिताभ को कम कुछ दर्शकों को ज्यादा परेशान करते हैं शो का ड्रामा मानो बालाजी टेलीफिल्म्स ने ही निर्देशित किया हो और ये सब हो रहा है उस दर्शक वर्ग को लुभाने के लिए जो केबीसी से ज्यादा आनंदी के भविष्य के लिए परेशान हो तो शायद अब घरों में चैनल बदलने की लड़ाई ना हो अब अपनी अपनी नापसंद के द्रश्यों के वक्त किसी को फोन किया जा सकता है या रसोई में जा कर गैस धीमे की जा सकती है


एक और बात जो आप को शो में हिस्सा लेने के लिए फोन करने से रोकती है वो ये की अगर बुलावा आ गया तो एक दुःख-भरी कहानी भी होना चाहिए मैंने लाख ड्रामा जोड़ने की कोशिश की अपनी जिंदगी में लेकिन ऐसा दुःख नहीं था जो केबीसी में जा के सुनाया जा सके सो फोन करना बंद

अब अस्सी प्रतिशत प्रतियोगियों का ठीक ठाक रकम जीतना भी शो कि सच्चाई को शक के दायरे में खड़ा करता है वही ऑडिइंस पोल जैसी लाइफ लाइन अब खुल के सामने आ चुकी हैं

तो ये शो स्क्रिप्टेड है इसमे कोई शक नहीं लेकिन इसमे अच्छी बात ये है कि ये गरीब और जरूरतमंदों के हित में है आप किसी का भला करके पैसे कमाए इसमे किसी को कोई आपत्ती नहीं होनी चाहिए हाँ ये जरूर है की जिन लोगो में शो के प्रति रूचि उसकी मूल-भावना को लेके थी, उनको निराशा ही होगी

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