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Saturday, April 21, 2012

Bhabhi Aur Bhagwaan


                                                       भाभी और भगवान





विजय चैलेंजर : हेल्लो मुकेश. कैसे हो ?


मुकेश इंडियन : जय श्री किशना विजय ! मज़ा मा छूं


विजय चैलेंजर : कैसा चल रहा है ‘धंधा’?


मुकेश इंडियन: तेरे को तो पता ही है शुरू में अच्छा नहीं जाता...


विजय चैलेंजर : हाँ बाद में तो कवर हो ही जाएगा.. यार एक फेवर चाहिए था


मुकेश इंडियन: हाँ बोल ना...


विजय चैलेंजर : तेरे को तो पता ही है मेरे लाइफ में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है... इस बार मेरे फेवर में हो जाने दो ना...


मुकेश इंडियन: लेकिन यार मेरे को भी तो कवर करना है..


विजय चैलेंजर : भाई आप के पास तो सबसे अच्छा “ प्रिंटिंग प्रेस” है...और आप


के पास तो "माँ" भी है...


मुकेश इंडियन: लेकिन माँ प्रिंटिंग प्रेस में... मतलब छपाई में इंट्रेस्ट नहीं लेती...


विजय चैलेंजर: लेकिन "छापने" के लिए आप के पास “भगवान” भी तो हैं.


मुकेश इंडियन: लेकिन इस मामले में "राय" का भी "सहारा" चाहिए, उसकी फैक्ट्री सबसे महँगी है


विजय चैलेंजर: उसकी चिंता नहीं..“सुपर किंग” ने “बादशाह” और “राय” कि राय ले ली है


मुकेश इंडियन: चलो ठीक है, कुछ ऊंच-नीच हुई  तो अपन घर में समझ लेंगे..


विजय चैलेंजर : लेकिन मोटा भाई पब्लिक को समझ आ गया तो...?


मुकेश इंडियन: तू कैलेंडर क्यों छपवाता है.. किसी को आज तक समझ आया..? चिंता मत्त करो.. “भगवान”


है न.. वो बोलेगा तो सब मानेंगे


विजय चैलेंजर : लेकिन मोटा भाई .. ऐसा कब तक चलेगा..? कुछ दिनों बाद अगर कस्टमर बोर


होने लगा फिर क्या करेंगे??


मुकेश इंडियन: मेरे भाई यही “मशीन” और “ फैक्ट्री” कम से कम पांच साल और निकाल देंगी


विजय चैलेंजर : फिर...?


मुकेश इंडियन: फिर क्या...? पचास फैक्ट्री अभी और बची है... पांच-पांच करके चालू करते रहेंगे..


नए नए कस्टमर आते रहेंगे...


विजय चैलेंजर : फैक्ट्री?? कौन सी फैक्ट्री?


मुकेश इंडियन:  हाँ फैक्ट्रियां... मुरादाबाद मैवेरिक्स, रायपुर रोकेट्स, भोपाल बुल्स, बनारस


बोम्बेर्स, पटना पिस्टन... दस साल ये निकाल देंगे, फिर भी चालीस और बचेंगे


विजय चैलेंजर : मुकेश भाई ये सुनकर “भाभी” बहुत  खुश होंगी ... वैसे भी “भाभी और भगवान”


आप के धंधे पर आंच नहीं आने देंगे.. क्योंकि भाभी को और कोई काम है नहीं और भगवान


ये काम छोड़ेंगे नहीं.


मुकेश इंडियन: गुज्जू दिमाग छे भाई


विजय चैलेंजर : चलो भाई फिर बंगलौर चलते हैं मेरे मजदूर प्रोडक्शन के लिए आ गए होंगे...


मुकेश इंडियन: ठीक है तुम चलो मैं आता हूँ बाद में


विजय चैलेंजर : लेकिन भाई मैं अकेले कैसे जाऊँगा


मुकेश इंडियन: क्यों????


विजय चैलेंजर : भाई आप तो जानते ही हो.. मेरी तो “उड़ती” नहीं है...


मुकेश इंडियन: ओह्ह्ह फिर चलो मेरे साथ ही चलो .. मेरे पास अपना है

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