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Monday, July 23, 2012

Devyani Chaubal

गॉसिप की देवी : देवयानी चौबल






बॉलीवुड की रंगीन दुनिया की कई परतों को उखाडा जा चुका है जहां कई और रंग भी देखने को मिले हैं फ़िल्मी दुनिया की अंदुरनी हलचल, आपस में इर्ष्या, बनावटी प्यार और नकलीपन ये सब अब गैरफिल्मी लोगो के लिए कोई रॉकेट साइंस नहीं रह गया है लेकिन फ़िल्मी दुनिया के लिए ये सोच लोगो में हमेशा से नहीं थी इसकी बखिया उधेड़ने में ज़रा वक्त लगा साठ के दशक में देवयानी चौबल ने अपनी जहर भरी कलम के साथ हिंदी फिल्म सितारों के जिंदगी का पंचनामा करने का जैसे बीडा ही उठा लिया था देवी (देवयानी इसी नाम से जानी जाती थी) साठ और सत्तर के दशक कि लोकप्रिय पत्रिका स्टार एंड स्टाईल के लिए लिखती थी उनका अपना कॉलम हुआ करता था फ्रैंकली स्पीकिंग(जो इव्स वीकली में भी छपता था), जहाँ महीने में दो बार वो अपने कलम का ज़हर उगला करती थी

१९४२ में महाराष्ट्र में जन्मी देवयानी ने बाद में कलम थामा लेकिन पैदा वो मुह में चांदी का चम्मच लेकर ही हुई थी, उनके अमीर पिता मुंबई कोर्ट में एक बड़े वकील थे देवयानी के स्कूली दिनों का एक रोचक किस्सा था कि वो एक दिन जबरदस्ती मीना कुमारी के घर में ऑटोग्राफ के लिए घुस गयी और मीना कुमारी ने उनको ऑटोग्राफ देते हुए एक अर्थपूर्ण मुस्कान के साथ कहा की तुमको स्कर्ट नहीं पहनना चाहिए क्युकी तुम्हारे पैर काफी लंबे और मोटे हैं और शायद देवी ने उसके बाद अगले चालीस सालों तक कौन सा स्टार क्या पहन रहा है, क्या कर रहा है और कहा और किसके साथ कर रहा है सब कुछ फ्रैंकली लिखती चली गयी फ्रैंकली स्पीकिंग में राजेश खन्ना के साथ उनका हमेशा ही लव हेट रिलेशनशिप रहा उनका दावा था कि वो राजेश खन्ना को सुपर स्टार बनने के पहले से जानती थी और उनकी शुरूआती सफलता में देवी ने अपना योगदान को अहम बताया देवयानी ने सबसे पहले राजेश खन्ना को “PHENOMENON” और सुपर स्टार कहा


देवयानी का सम्बन्ध कई फ़िल्मी सितारों से था इसलिए उनकी पकड़ फिल्म इंडस्ट्री के अंदर तक थी आज जब हज़ारों की संख्या में जर्नलिस्ट हैं तो हर किसी सितारे के पास उनके बचाव के लिए भी लोग रहते हैं इसलिए किसी एक को बैन करना काफी आसान है लेकिन तब देवी के कॉलम सितारों के लिए एक दहशत थे और देवी को सितारों की तरफ से कोर्ट का नोटिस मिलना कोई बड़ी बात नहीं रह गयी थी


देवयानी ने अपने लेखों में हिंगलिश का पहले पहले प्रयोग किया जिसको बाद में शोभा डे समेत कई लोगो ने अपनाया
जहां उन्होंने ना सिर्फ राजेश खन्ना डिम्पल की शादी के खिलाफ लिखा वहीं  उन्होंने मुमताज़ की माँ के चरित्र पर भी सवाल उठा दिए यहाँ तक की  धर्मेन्द्र-हेमा मालिनी के संबंधो के बारे में उन्होंने लिखा कि हेमा की माँ धर्मेन्द्र से उनके रिश्तों को लेकर खुश नहीं है और हेमा मालिनी को उन्होंने stale upma कहा, तो धर्मेन्द्र देवयानी के पीछे चढ़ दौड़े और एक पार्टी में उनके साथ हाथापाई भी की
दिलीप कुमार की दूसरी शादी की खबर के लिए जब उनकी अपनी मैग्जीन ने ही स्टोरी छापने से मना किया तो, देवयानी ने यहाँ तक लिखा कि उन्होंने अपनी स्टोरी को दूसरी मैगजीन्स में छपवाने के लिए उस मैग्जीन के एडिटर को सेड्यूस भी किया 



सत्तर के दशक में उन्होंने हिरोईनों कि एक पूरी खेप को बदन और कचरा तक लिखा
राजकपूर के लिए लिख कर तो हंगामा ही बचा दिया कि राजकपूर ने उनसे एक टैक्सी में कहा शो मी योर बूब्स



जिसने देवयानी को गलत साबित किया वो हमेशा कि तरह अमिताभ बच्चन ही थे, जब देवयानी ने मुकद्दर का सिकंदर के बाद लिखा कि अमिताभ का सूरज डूब चुका है, उनका टाइम गया

देवयानी के सूत्र काफी भरोसे के थे इसलिए उनकी चटपटे अंदाज़ में लिखे गए कॉलम कि लोकप्रियता बरकरार थी देवयानी एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखती थी इसलिए शायद नौकरी के रहने ना रहने का उन्हें कोई डर ना रहा हो और पिता के एक बड़े वकील होने कि वजह से उनको मिलने वाली नोटिस का भी कोई असर नहीं था इसलिए देवयानी ने हमेशा खुलकर लिखा

फिल्म द डर्टी पिक्चर में अंजू महेन्द्रू ने जिस कॉलमिस्ट के पात्र को अभिनीत किया था वो देवयानी को ध्यान में रख कर लिखा गया था

१९८५ में एक पैरलिटिक अटैक ने देवयानी को व्हीलचेयर पर ला दिया, और १९९५ में देवयानी की मृत्यु हो गयी हमेशा ही सफ़ेद साडी में रहने वाली देवयानी ने बॉलीवुड के सफेदपोशों की अच्छी खबर ली, और जिंदगी हमेशा अपने ही शर्तों पर जी

आज मीडिया का बोलबाला है लेकिन क्या आप किसी एक भी फिल्म जर्नलिस्ट का नाम जानते हैं जिसके कॉलम का इंतज़ार हो और उससे फिल्म इंडस्ट्री की एक चिड़िया भी डरती हो???


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