आमिर खान और सत्यमेव जयते
बचपन में मैं जिन व्यक्तियों से प्रभावित था उसकी एक लंबी फेहरिस्त होती थी, जो पृथ्वीराज चौहान से लेकर महात्मा गाँधी, वीर सावरकर से लेकर इंदिरा गाँधी, कपिल देव और गावस्कर से होती हुई अमिताभ बच्चन तक आती थी, यहाँ तक कि बाल ठाकरे भी इस लिस्ट में आकर गौरवान्वित हो चुके हैं। जैसे जैसे उम्र बढती गयी लिस्ट छोटी होती गयी, एक समय ऐसा भी आया कि लिस्ट को भरने के लिए तरसना पड़ गया और लोगो कि खोज भी कि गयी। लिस्ट के छोटे होते जाने का मूल कारण ये समझ में आ जाना था कि, किस व्यक्ति ने अपने पद का कितना दुरूपयोग किया, कितना उपयोग किया और कितना उपयोग नहीं किया।
और शायद आज भी देश कि बड़ी समस्या ये नहीं कि प्रभावशाली लोग अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं, ज्यादा बड़ी समस्या ये है कि कुछ प्रभावशाली लोग अपने पद का वो सदुपयोग नहीं कर रहे हैं जो कई दुरुपयोगो पर भारी पड़ सकता है।
महानायक अमिताभ किसी भी समस्या में बोलने वाले आखिरी व्यक्ति है, यहाँ तक कि बोफोर्स पर भी न बोले, जब भी मुह खुला तो क्रीम, बीमा, तेल और गुजरात में दिन गुजारने के लिए ही आवाज़ निकली। फिल्मों के बादशाह खान जो प्रवासी भारतियों को डालर सिनेमा बेचकर तिजोरियां भर रहे हैं उन्ही प्रवासियों को गोरे होने के तरीके सिखाने लगे। भगवान का हाल ये है कि लोग तो ATM से पैसा निकालते हैं लेकिन अगर गलती से ATM में पैसा डाल दो तो सचिन बाहर आ जाएँ।
लेकिन पैसा तो हम सभी को अपने कामों के लिए मिल रहा है, और ये भी जरूरी नहीं कि हम अपना काम छोड़ समाज सेवा में लग जाए। लेकिन कौन सा ऐसा काम है जिसको करते हुए समाज में बदलाव नहीं लाया जा सकता या समाज सेवा नहीं कि जा सकती। बस करना ये होगा कि अपना काम इमानदारी से करो।
और बस यही पर आमिर खान बाकि दूसरे सेलिब्रिटीस से अलग नज़र आते हैं। उन्होंने हमेशा ही अपने दायित्व को पहचाना है और समय समय पर अपने काम में समाज के लिए एक सन्देश दिया है। सत्यमेव जयते उसी कड़ी कि नयी पेशकश है। इस कार्यक्रम में समस्याओं को संक्षेप में और बड़े ही सटीक तरीके से रखा गया। शो का रिसर्च बहुत ही आला दर्जे का है, अच्छी बात है आमिर बहुत ही आम तरीके से पेश आये जैसे वो कोई बड़े सितरा हो ही ना, वरना बड़े लोग हमेशा ही छोटो से विनम्रता से यूँ मिलते हैं कि छोटो को ये अहसास बराबर रहे कि “ये साहब कि महानता है जो विनम्र हैं” । पहले एपिसोड में ही संजीदगी दिखाई दे गयी कि ये एक ईमानदार कोशिश है ।
एक समस्या के करीब करीब सभी पहलुओं को दिखाया गया, आंकड़ों को विशेष तरीके से बताया जाना और प्रभाव छोडता है। शो में अदालत में फैसला काफी अर्से से लंबित होने के बाद भी अदालत पर भरोसा बनाये जाने पर जोर दिया गया। ऐसे उदाहरण भी दिखाए गए जहा से आशा कि किरण फूटती है और बदलाव का विश्वास पैदा होता है। शो कि एडिटिंग और स्पीड भी अच्छी थी, आमिर जैसे सितारे कि उपस्थिति में ज्यादातर रिएक्शन वहां मौजूद दर्शकों के ही दिखाए गए। एक निहायत ही भावुक विषय पर जबरन रुलाने कि कोशिश नहीं कि गयी (बैगराऊन्ड में दर्दीला वाइलिन बजाकर) इसीलिए भावुकता चरम पर थी। अब कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि आमिर कोई समाज सेवा नहीं कर रहे उनको इस बात के लिए पैसे मिल रहे हैं। भला इसमे क्या शक है? बल्कि इतने पैसे मिल रहे है जितना पहले किसी को टीवी पर नहीं मिले.. क्यों?? आमिर ज्यादा पैसे लेकर शो कर रहे हैं ऐसा नहीं बल्कि जो शो वो कर रहे हैं .. उसको इमानदारी से करने में इतने ही पैसे मिलेंगे और मिलने चाहिए।
आमिर अपनी “ब्रांड वैल्यू” भुना रहे हैं...??? जी हाँ बिलकुल, लेकिन ये हुंडी भुनाने से पहले आप को ब्रांड बनना होगा.. जनता का विश्वास जीतना होगा.. हमेशा ही उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा । फिर आप को ज्यादा पैसे मिलने पर जनता खुश होगी।
लेकिन क्या सत्यमेव जयते समाज में कोई बदलाव ला सकता है। जब समाज में टीवी शो, कशिश चूड़ी, कुमकुम साडी जैसी ढेरो चीज़ ला सकते हैं, राम और प्रिया कपूर के शादी की चिंता की जा सकती है, तो कम से कम सत्यमेव जयते के बाद बात तो कि ही जा सकती है। हाँ ये पक्का है कि ऐसे हज़ारो शो भी कई लोगो कि जिंदगी में कोई बदलाव कभी नहीं ला सकते, और ये शो उनके लिए है भी नहीं। ऐसे प्रयास उन लोगो के लिए ही होते हैं जो शायद परिवर्तन के कागार पर ही खड़े हैं.. और इससे ज्यादा कि उम्मीद कि भी नहीं जानी चाहिए... क्युकी आप कन्या भ्रूण ह्त्या पर एपिसोड देखकर रेड सिग्नल तोडना बंद कर दे, वो काफी होगा।
हमे याद रखना चाहिए कि शो का मकसद सिर्फ ये बताना है कि सरकार के पास इसको खतम करने कि एक नीति है जिसका पालन अच्छे से नहीं हो रहा है और वो इसलिए नहीं हो रहा है क्युकी हम वोट इन मुद्दों पर नहीं डालते, इसलिए इसको खतम भी हमी कर सकते हैं.. आमिर खान जाके खतम करेंगे ऐसा नहीं है। ये उम्मीद कि जानी चाहिए कि ऐसे एपिसोड्स के बाद जिसे समस्या का पता नहीं उसको पता चलेगा... जिसे पता है वो एक बार और सोचेगा.. जो सोच रहा था वो एक कदम उठाएगा.. जिसने एक असफल कदम उठाया था वो एक और कदम उठाएगा.. जिसने एक सफल कदम उठाया था उसको हौसला मिलेगा... और परिवर्तन होगा।
सत्यमेव जयते !!!
Awsome, yahi hoga mere dost aur yahi hona chahiye
ReplyDeleteAamen!!!
DeleteSatya hee jitega
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